ब्रह्मोस मिसाइल क्या है यह किस तरह से कार्य करता है इसे किस देश में बनाया गया है और इसका बैकग्राउंड क्या है आज के इस आर्टिकल में आपको ब्रह्मोस के विषय में पूरी जानकारी मिलेगी अगर आप भी ब्रह्मोस मिसाइल के विषय में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूर्ण रूप से जरूर पढ़ें इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद ब्रह्मोस मिसाइल के विषय में सही तथ्य आपको प्राप्त हो जाएगी और ब्रह्मोस मिसाइल से संबंधित आपके अंदर जो भी कंफ्यूजन है उसे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद दूर हो जाएगा।
ब्रह्मोस मिसाइल की प्रमुख बातें शार्ट में –
अब सबसे पहले आपको ब्रह्मोस मिसाइल की प्रमुख विशेषताओं को शार्ट में बताया जा रहा है अगर आपके पास इस आर्टिकल को संपूर्ण रूप से पढ़ने का समय नहीं है तो आप इस शॉर्ट जानकारी को पढ़कर ब्रह्मोस मिसाइल के विषय में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- सबसे पहले आपको बता दें कि यह किस प्रकार का मिसाइल है तो इसके विषय में बताया जाता है कि यह एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है।
- यह भारत और रूस में बनाया गया है जिससे कहा जा सकता है कि इसे बनाए जाने का स्थान भारत और रूस दोनों देशों की बराबर सहभागिता से बनाया गया है।
- अगर आप बात करें कि यह मिसाइल भारत में कब से सेवा में है तो यह मिसाइल नवंबर 2006 से ही भारत की सेना में शामिल है और लगातार अपनी सेवा दे रहा है।
- जैसा कि आपको शुरू में ही बताया जा चुका है की ब्रह्मोस मिसाइल का उपयोग पानी की पनडुब्बी, पानी का जहाज, लड़ाकू विमान के साथ-साथ थल से भी किया जा सकता है तो ब्रह्मोस मिसाइल उपयोग का भारत की तीनों सेनाओं द्वारा किया जा रहा है।
- ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस की कंपनियों ने संयुक्त रूप से मिलकर बनाया है जिसमें भारत की रक्षा अनुसंधान एवं विकास केंद्र (DRDO) और रूस की एनपीओ कंपनी ने बनाया है।
- ब्रह्मोस मिसाइल को बनाने में 2.73 मिलियन अमेरिकी डॉलर लागत का खर्च आता है।
- ब्रह्मोस मिसाइल का पहला परीक्षण 12 जून 2001 में हुआ था जो कि सफल हुआ था।
- ब्रह्मोस मिसाइल दो रूपों में निर्मित किया गया है जिनमें पहला 3000 किलोग्राम का मिसाइल है और दूसरा 25 सौ किलोग्राम का मिसाइल है जिनमें दूसरा मिसाइल वायु सेना द्वारा उपयोग किया जाता है जिसे लड़ाकू विमानों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
- ब्रह्मोस मिसाइल का लंबाई 8.4 मीटर और इसका व्यास 0.6 मीटर है जिसकी मदद से या बड़े से बड़े लक्ष्य को भी भेजने में सक्षम क्रूज मिसाइल है।
ब्रह्मोस मिसाइल का परिचय –
ब्रह्मोस कम दूरी तक मारक क्षमता रखने वाला रैमजेट, सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है। ब्रह्मोस का इस्तेमाल पानी की पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, अन्य किसी विमान से या जमीन से भी सकता है। यह रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया और भारत के DRDO द्वारा संयुक्त रूप से बनाई गई एक कम दूरी की मारक क्षमता वाली क्रूज मिसाइल है यह रूस में बनाई गई P-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल पर आधारित है। यह मिसाइल भारत की सेना में नवंबर 2006 से ही कार्यरत है जिसे समय-समय पर अपडेट किया जा रहा है।
ब्रम्होस मिसाइल एक Supersonic Cruse प्रक्षेपास्त्र मिसाइल है अब हम आपको बताते हैं कि Supersonic Cruse प्रक्षेपास्त्र किसको कहते हैं तो यह शब्द स्पेशल उन मिसाइल के लिए उपयोग किया जाता है जो बहुत कम चाय में तेजी से वार करने में सक्षम होती है इनकी रफ्तार का कोई जवाब नहीं और ब्रम्होस जमीन से इतनी कम दूरी पर और अपनी तेज गति के पार रडार की पकड़ ने भी नहीं आता जिसके कारण यह अधिक कारगर साबित होता है।
अगर अब बात करें ब्रम्होस मिसाइल की तुलना दूसरे प्रक्षेपास्त्र मिसाइल से तो विकिपीडिया की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में ऐसी कोई भी प्रक्षेपास्त्र मिसाइल नहीं है जो अपनी तेजी और कार्य क्षमता में ब्रम्होस मिसाइल की बराबरी कर सके। ब्रम्होस मिसाइल की तेजी ही इसे दुनिया की सबसे पावरफुल मिसाइल बनाती है विकी पीडिया में तो यह भी कहा गया है कि अमेरिका की टॉम हॉक मिसाइल भी ब्रम्होस की अपेक्षा काम शक्तिशाली है।
ब्रम्होस मिसाइल मेनुवरेबल तकनीक से लैस है मेनुवरेबल तकनीक का अर्थ है कि यह मिसाइल हवा में ही अपने मार्ग को बदल सकती है जैसे अगर किसी टैंक से कोई भी गोला धागा जाता है तो उसका मार्ग पहले से ही फिक्स रहता है जिस वस्तु को टारगेट बनाकर गोला धागा जाता है गोला सीधे उसी स्थान पर गिरता है और अगर दूसरी ओर लेजर गाइडेड मिसाइलों की बात करें तो लेजर गाइडेड मिसाइल उसी जगह पर अपने लक्ष्य को भेदते है जहां पर लेजर बीम डाला जाता है लेकिन अगर ब्रम्होस की बात की जाय तो यह हवा में ही अपने लक्ष्य को भेदने के लिए अपने मार्ग को खुद ही बदल लेती है इसका लक्ष्य अगर अपने स्थान को बदल भी रहा है तो ब्रम्होस सीधे अपने लक्ष्य का पीछा करते हुए उसे हवा में ही मार सकता है इसे ही मेनुवरेबल तकनीकी कहते हैं।
ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण –
ब्रह्मोस मिसाइल का नाम भारत और रूस के दो प्रसिद्ध नदियों के मिलाप से बना है भारत के ब्रह्मपुत्र नदी और रूस के मास्को वा नदी के शब्दों को मिलाकर ब्रह्म शब्द का निर्माण हुआ है जो कि यह भी दर्शाता है कि भारत और रूस के मित्रता और सैन्य मिलाप के फल स्वरुप बनाया गया मिसाइल है। अभी के समय भारत और चीन के बीच तनाव को देखते हुए भारत की रक्षा अनुसंधान एवं विकास केंद्र (DRDO) ने बहुत ही तेजी से ब्रह्मोस मिसाइल के अपडेट वर्जन का परीक्षण शुरू कर दिया है जिससे कि भारत की सैन्य शक्ति दूसरों को मुकाबले अधिक प्रभावशाली हो सके जिससे भारत की सुरक्षा एकता और अखंडता को किसी भी प्रकार का नुकसान ना पहुंच सके।
यह था ब्रम्होस मिसाइल के विषय में संपूर्ण जानकारी इसके विषय में आपकी क्या राय है हमें कमेंट करके जरूर बताएं और अगर कोई जानकारी अधूरी रह गई हो तो उसे Comment Section में पूरा जरूर करें ताकि Read Hindi News के Readers तक सम्पूर्ण जानकारी पहुंच सके और हम भी अपने आर्टिकल को और अधिक ज्ञानवर्धक बना सकें धन्यवाद।