अब सभी ऑनलाइन कंटेंट प्रोवाइडर आएंगे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंडर में

अब सभी ऑनलाइन कंटेंट प्रोवाइडर आएंगे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंडर में –

यह है पूरी खबर-

अब सभी ऑनलाइन कंटेंट प्रोवाइडर आएंगे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंडर में

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय अभी एक बहुत बड़ा अपडेट लाने की तैयारी में है सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेडकर ने कहा कि भारत के सभी ऑनलाइन कंटेंट प्रोवाइडर अब  सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आएंगे फिर चाहे वे ऑनलाइन न्यूज़ प्रोवाइडर वेबसाइट हो या फिर कोई ब्लॉग या वेबसाइट हो जिस पर कंटेंट प्रोवाइड किया जाता है यह सभी अब सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत ही आएंगे भारत में बहुत से ऐसे वेबसाइट चल रहे थे जो कि नीति के विरुद्ध काम कर रहे थे इसी के कारण यह फैसला लिया गया है जिससे कि अब सभी प्रकार के कंटेंट प्रोवाइडर पर भारत सरकार का पकड़ बन सके और किसी को भी गलत काम करने से आसानी से रोका जा सके। 

इसलिए लिया गया यह फैसला –

दरअसल बात यह है की भारत में प्रिंट मीडिया यानि अखबार सम्बन्धी नियम के लिए प्रेस आयोग, न्यूज चैनलों से सम्बंधित चीजों के लिए ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन और विज्ञापनों के लिए Advertising Standerd Council of India है, जो इन सभी क्षेत्रों पर निगरानी रखती है और समय-समय पर होने वाली गलतियों पर लगाम लगाती है लेकिन भारत में सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अंकुश लगाने के लिए कोई भी संस्था नहीं थी जो कि OTT प्लैटफॉर्म्स द्वारा किए जा रहे कानून के उल्लंघन पर निगरानी रख सके इसी कारण से इन सभी प्लेटफार्म को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत रखने का निर्णय लिया गया है। 

आपकी जानकारी के लिए बता दें OTT Platforms उन प्लेटफार्म को कहा जाता है जिनके अंतर्गत ऑनलाइन कंटेंट दिया जाता है इसमें Netflix, Amazon Prime, Hotstar जैसी बड़ी कंपनियां आती हैं आपको पता ही होगा कि इस समय कोरोना काल की वजह से सभी मूवी और वेब सीरीज इन्हीं प्लेटफार्म पर रिलीज हो रही हैं और कुछ ऐसे वेब सीरीज जो नियम का उल्लंघन करती हैं फिर भी इन्हीं प्लेटफार्म पर उन्हें रिलीज कर दिया जाता है क्योंकि यह प्लेटफार्म अभी तक किसी भी मंत्रालय के अंतर्गत नहीं आती थी वहीं अगर मूवी का बात करें तो मूवी इंडस्ट्री भारत सरकार के मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं और अगर उनमें कुछ विवादित तथ्य होते हैं तो उन्हें सुधार किया जाता है लेकिन यह सभी किसी मंत्रालय के अंतर्गत ना आने के कारण इनमें सभी विवादित तथ्यों को भी प्रसारित कर दिया जाता है बहुत पहले से ही इन सभी के खिलाफ विवाद उत्पन्न हुआ है इसी के कारण ओटीटी प्लेटफॉर्म को भी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत रखने का फैसला लिया गया है। 

इस विषय में बोले सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेड़कर –

एक साक्षात्कार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेडकर से इस विषय में पूछा गया तो उन्होंने यह बताया कि सभी ओटीटी कंपनियों को अब अपनी सीमा में रहना होगा और आपत्तिजनक कंटेंट के प्रसारण पर खुद ही रोक लगाना होगा लेकिन हमने पाया कि बहुत सी कंपनियां इस नियम को मानने के लिए तैयार नहीं थी इसी कारण से सभी कंपनियों को अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत रखना जरूरी हो गया है इसी दौरान उन्होंने सोशल मीडिया के लिए भी यह बात कही कि सोशल मीडिया खुद को इसे सेल्फ रेगुलेट करें और अगर यह करने में सोशल मीडिया असमर्थ होता है तो हम इसके लिए सहयोग करने के लिए तैयार रहेंगे। 

डिजिटल मीडिया के पत्रकारों, फोटोग्राफरों और संवाददाताओं को प्रिंट मीडिया और टीवी के संवाददाताओं जैसा लाभ-

सरकार का कहना है की इससे पहले भारत सरकार द्वारा डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को प्रिंट मीडिया और टीवी संवाददाताओं जैसे सुविधा दिए गए थे। केंद्र सरकार ने कहा था कि वे डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को व सभी सुविधा देने पर विचार करेगी जो प्रिंट मीडिया और डिजिटल संवाददाताओं को मिलते हैं जिनमें पीआईबी मान्यता शामिल है यही नहीं केंद्र सरकार ने यह भी कहा था कि केंद्र सरकार डिजिटल मीडिया के वीडियोग्राफर वर्ग, पत्रकार वर्ग और फोटोग्राफर वर्ग  को आधिकारिक संवाददाता के द्वारा किये जा रहे सम्मेलन में भागीदार की पहुंच देने पर भी अपना ध्यान केंद्रित करेगी। सरकार ने डिजिटल मीडिया के सभी कार्यकर्ताओं से अपने हितों को यथा स्थित आगे बढ़ाने और सरकार के साथ संवाद के लिए खुद ही नियम बनाने वाले संस्थाओं का संगठन बनने को कहा है।

यह सब था आज का ताज़ा खबर आपका इसके विषय में क्या राय है हमसे अपना अनुभव जरूर साझा करें धन्यवाद। 

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