ज्यादा सोचने की आदत को कैसे सही करें how to stop overthinking in hindi

ज्यादा सोचने की आदत को कैसे सही करें (how to stop overthinking in hindi)-

अगर आप भी अपनी सोचने की आदत से परेशान हैं और न चाहते हुए भी अपनी सोचने की आदत से परेशान है इसे सैकोलोजिस्ट की भाषा में overthinking भी कहते है अगर आप अपनी overthinking की आदत से परेशान है तो कोई बात नहीं आज आपको इस आर्टिकल में क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट के अनुसार कही जाने वाली बात को हम आपको बताएंगे और यह भी बतायेंगे की ज्यादा सोचने की आदत को कैसे सही करें ( how to stop overthinking in hindi ) इस आर्टिकल में कही जाने वाली बातों को खुद के बारे में रोचक जानकारी कहते हैं जिन्हें आपको जरुर जानना चाहिए। 

ज्यादा सोचने की आदत को कैसे सही करें how to stop overthinking


 यह आर्टिकल उनके लिए है जो अधिक से अधिक सोचते हैं छोटी-छोटी बातों पर भी बहुत ज्यादा समय सोचने में ही लगा देते हैं कभी कभी तो ऐसा भी होता है जिन बातों को नॉर्मल लोग नजरअंदाज कर कर देते हैं लेकिन उन्हीं बातों को ज्यादा सोचने वाले व्यक्ति उसी वज़ह से पूरी-पूरी रात सोचने में ही बिता देते हैं। 

कभी-कभी तो ज्यादा सोचते-सोचते उनका सर दर्द से फटने लगता है क्योंकि उनके अंदर एक ही बात घूम फिर के चलता रहता है हालांकि वह भी थक जाते हैं उन्हें उसके बारे में ना चाहते हुए भी वह बात उनके दिमाग के अंदर घूम फिर के चलता ही रहता है। अगर आप भी इसी रोग के शिकार हैं अगर आपको भी लगता है कि आपके संग भी कुछ ऐसा हो रहा है तो यह आर्टिकल पूरा जरूर पढ़ें। 

एक बात बार-बार सोचना क्या है कारण-

यह दिक्कत तब आता है जब इंसान के पसंद का कुछ हो या फिर उसके नापसंद का कुछ हो जब इंसान जिस बात से बहुत ज्यादा खुश होता है तो ज्यादा सोचने वाला व्यक्ति उसके बारे में भी ज्यादा सोचता रहता है जबकि उसे उसी जगह पर सोच कर और आगे के बारे में काम करने लगना चाहिए। 

कभी-कभी जब  इंसान के मन का काम नहीं होता और वो व्यक्ति इतना दुखी होता है उसी स्थिति को लेकर वह दिन रात सोचने लग जाता है और अंदर-अंदर टूटता रहता है जबकि उस व्यक्ति को उस बात से छुटकारा पाने के लिए उसका हल ढूंढना चाहिए ना कि उस बात को लेकर परेशान होना चाहिए। 

ज्यादा सोचने वाले व्यक्ति को अपने अंदर यह बैठा लेना चाहिए कि हर व्यक्ति आपकी तरह नहीं सोचता। कुछ बातें ऐसी भी होती है जो हमारे सगे संबंधी से मिलती है एक समझदार व्यक्ति उस बात को नजरअंदाज करके जिंदगी को आगे बढ़ाता है। 

दिमाग ज्यादा क्यों सोचता है

इंसान में overthinking एक प्रकार का मानशिक बीमारी है यह बात बहुत ही सीधे तरीके से आपको पता होना चाहिए कि यह दिमाग ज्यादा क्यों सोचता है जब हम अपना भला बुरा  के बारे में समझने लायक होते हैं तब हम किसी भी बात को लेकर बहुत ज्यादा चिंता करने लगते हैं जब वही चिंता हद से ज्यादा बढ़ जाती है तो हम किसी भी बात को लेकर बहुत ज्यादा गहराई में चले जाते हैं

अब यह सिलसिला हमेशा के लिए हो जाता है क्योंकि इंसान की जिंदगी में अच्छा बुरा होता ही रहता है मगर ज्यादा चिंता करने वाले व्यक्ति हमेशा हर बात को लेकर चिंतित रहते हैं तो होता क्या हैं। धीरे-धीरे उनका यही चिंता उनका आदत बन जाता है आदत क्योंकि जिस भी काम को लेकर हम दिन रात करते हैं हम उसके आदी हो जाते हैं। 

ज्यादा सोचने से होने वाला नुकसान

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ज्यादा सोचने से इंसान के शरीर में कई रोग आसानी से प्रवाहित हो जाता है जैसे ब्लड प्रेशर, मानसिक रोगी, चिड़चिड़ापन और यहाँ तक की इन्सान का अपना भला बुरा ना सोचने की शक्ति भी छिन जाती है। इससे इंसान के अंदर जो अच्छे विचार होते हैं उसे भी यह नष्ट कर देता है ज्यादा सोचने होने से अच्छे से अच्छी जिंदगी भी बर्बाद हो सकती है तो खुद के दिमाग को कंट्रोल करें और overthinking जैसी लाइलाज बीमारी से बचें

Conclusion-

हमें आशा है की हमने आपको सही तरीके से बता दिया है की ज्यादा सोचने की आदत को कैसे सही करें (how to stop overthinking in hindi ) आपको यह जानकारी कैसी लगी और आपका क्या राय है आप Comment section में अपनी राय जरूर साझा करें ताकि हम अपने आर्टिकल को और अधिक ज्ञानपूर्ण बना सकें धन्यवाद

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